एलाने-जंग हो गया
मोह भंग हो गया
अब जंग भ्रष्टाचार से
केंद्र की सरकार से
यह पुनीत कार्य है
क्या तुम्हे स्वीकार्य है
राष्ट्र की पुकार सुन
अन्ना की हुंकार सुन
अमर सपूत हो अगर
उठो चलो धरो डगर
मां भारती का कर्ज है
हम सबका यही फर्ज है
इस देश को बचना है
जेल में भी जाना है