अरे किसान की कौन सुने
सत्ता का खेल जारी है
जंगल जमीन सब छीन रहे
अब पानी की बारी है
सुन सकते हो लालबहादुर
क्या हुआ तुम्हारा नारा
जो अधिकारों की मांग करे
वो मारा जाय बेचारा
पुलिस कर रही हत्याएं
और सरकारें सोती हैं
आह, चार को मार दिए
भारत माता भी रोती हैं
वो किसान हैं कहाँ जांय
क्या करें तुम्ही बतलाओं
रक्षा करो अन्नदाता की
स्वर्ग से वापस आओ