शनिवार, 29 मार्च 2008

जनता शर्मिंदा है

महाराष्ट्र राज्य विधान सभा ने महाराष्ट्र राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त नन्दलाल को जेल भेज दिया गया महाराष्ट्र राज्य विधान सभा एक संवैधानिक संस्था है तो क्या महाराष्ट्र चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था नही है ? मेरी जानकारी मे महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग भी एक संवैधानिक संस्था है । हमारा मतलब यहाँ नन्दलाल नामक व्यक्ति से कत्तई नही है हमारा मतलब तो महाराष्ट्र के चुनाव आयुक्त से है । यहाँ पर अपने पद की गरिमा का ध्यान नही रखा जा रहा है और न ही दुसरे के पद की गरिमा को स्वीकार किया जा रहा है ।
नन्दलाल को कल १०.३० बजे आर्थर रोड जेल से छोड़ दिया गया इसके पश्चात वे महाराष्ट्र राज्य विधान सभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा दी गई सजा के खिलाफ मुम्बई उच्च न्यायालय मे चले गए इधर महाराष्ट्र राज्य विधान सभा ने प्रस्ताव पास कर दिया कि न्यायालय की कोई नोटिस विधान सभा स्वीकार नही करेगी न्यायालय भी एक संवैधानिक संस्था है ।
विधान सभा भी एक संवैधानिक संस्था है...महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग भी एक संवैधानिक संस्था है.....मुम्बई उच्च न्यायालय भी एक संवैधानिक संस्था है.................
यहाँ अपनी मर्यादा का आदर नही, दूसरो के मर्यादा का आदर नही, कोई संयम नही, कोई अनुशासन नही महाराष्ट्र के जनप्रतिनिधियों का यह व्यवहार उन्हें शर्मिंदा नही कर रहा है ? उनके इस कृत्य से महाराष्ट्र का प्रबुद्ध वर्ग और जनता जरुर शर्मिंदा है ।