शुक्रवार, 25 जून 2010

आप मर गये हो ? माफ़ करना मुझे नहीं पता था !

आप जनता हों ? अच्छा ! इसीलिए आप इतना हल्ला मचा रहे है. इतना हल्ला मत मचाओं. क्या आपको पता नहीं कि सरकार यह सब आपके भले के लिए कर रही है आप कमोडिटी का व्यवसाय शुरू कीजिये, सट्टेबाजों के साथ मिलकर पेट्रोलियम पदार्थों के फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में सोचिये, मुनाफा कमाईये. अनायास महंगाई-महंगाई चिल्ला रहे हो. भाई बाजार का जमाना है बेचारी भोली-भाली हमारे देश की सरकार पेट्रोलियम को बाजार के हवाले कर दिया है. आपको नहीं पता क्या कि विश्व बैंक का दबाव है भाई राजकोषीय घाटा कम करने का. अगले 12 महीनों में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3 फीसदी पर आ जाएगा। क्या आपको नहीं पता कि भारत सरकार ने 3 जी व ब्रॉडबैंड की नीलामी से 1.10 लाख करोड़ जुटा लिए। और 40,000 करोड़ रुपए सरकारी कंपनियों के विनिवेश से आ जायेंगे उर्वरक और तेल मूल्यों पर नियंत्रण हटने से सरकार के ऊपर से सब्सिडी का भारी बोझ हट जाएगा। 2010 तक जीडीपी को 12 % तक ले जाना है. आपकी वजह से स्विश बैंक के खाते नें जंग थोड़ी लगानी है..... कुछ न कुछ तो डालना ही पड़ेगा. सरकार सत्ता और उसके बैभव को छोड़कर सभी चीजों से अपना नियंत्रण हटा रही है तो तेल से भी हटा रही है तो आपके ऊपर कौन सा पहाड़ गिर गया.......
आप डरो मत आप सरकार के सम्मानित उपभोक्ता है सरकार आपकी चीरचुप्पी की कायल है इसीलिए सरकार नें आपके ऊपर दरियादिली दिखाते हुए आपको नागरिक से उपभोक्ता बना दिया है आप ऐसा कभी मत सोचना कि सरकार आपके बारे में चिंतित नहीं है देखते नहीं सरकार आपको बीपीएल के रूप में देखने का सपना देख रही है.आपको पता नहीं क्या अगर सरकार ऐसा नहीं करेगी तो सरकार पिछड़ जायेगी उसकी बदनामी होगी. एनडीए से पीछे क्यों रहे एनडीए ने 1998 से 2004 के बीच पेट्रोल के दाम में पचास फीसदी से भी ज्यादा, डीजल के दाम में करीब 111 फीसदी, रसोई गैस में करीब नब्बे फीसदी और केरोसिन तेल के दाम में तीन सौ फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी की।जब 1998 में एनडीए ने सत्ता की बागडोर संभाली पेट्रोल करीब 23 रुपये लीटर था जो 2004 में 34 रुपये लीटर तक पहुंचा। डीजल 10.25 रुपये से बढ़कर 21.74 रुपये तक पहुचा इसी तरह रसोई गैस के दाम 136 से उछल कर 242 रुपये तक पहुंचे। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी केरोसिन के तेल में ढाई रुपये से सीधे नौ रुपये हुई जो तीन सौ फीसदी से भी ज्यादा है ................
आपने नहीं सुना था क्या अमेरिकियों का चिंतायुक्त बयान कि भारतीय अच्छा खाना खाने लगे है उसी को तो रोक रहे है मनमोहन जी........... इसमें गलत क्या है......... आप इतना अच्छा क्यों खाते हैं ? आप अगर अपने आप पर कंट्रोल नहीं करेंगे तो सरकार तो करेगी ही क्योंकि आपने ही इसका दायित्व सरकार को दिया है. आपका पेट भरा है, आप स्वस्थ है ऐसा अनैतिक क्यों कर रहे है आप ? आप भूंखे रहिये, आप बीमार हो जाईये इसी में आपकी नैतिकता है ।
आपको पता नहीं है कि अमेरिका में मंदी है आखिर आप ही बताओं बिना आपके लूटे सरकार अमेरिका के बैभव वापस लाने में कैसे अपना योगदान दे पायेगी. अगर अमेरिका का बैभव वापस नहीं आएगा तो आप अमेरिका में बसने का सपना कैसे देखेगे ? आखिर यह सब आपके भले के लिए ही हो रहा है न.........
आप तो जानते है न कि मनमोहन विश्वबैंक में नौकरी कर चुके है विश्व बैंक की नीति ही है कि गरीबों का निवाला छीन कर अमीरों की थाली में सजाना. आप गरीब क्यों है आप अमीर क्यों नहीं बनते ? इतना अच्छा मौका आपको दुबारा नहीं मिलेगा यह आपकी खुशकिस्मती आपको अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मिला है.............. देखते नहीं आप तेल के लिए अमेरिका कितनों को तबाह कर दिया शुक्र है आप बचे हुए हो. लेकिन आप तो चुप हो आप क्यों कुछ बोलते नहीं....... महंगाई नें आपका तेल निकाल दिया है... ओ हो........ आप भारत की जनता हो आप मर गये हो माफ़ करना मुझे नहीं पता था नहीं तो मै इतनी उल्टियाँ नहीं करता.

गुरुवार, 24 जून 2010

कब रुकेगी इज्जत के खातिर मौत (ऑनर किलिंग) का सिलसिला

इज्जत के खातिर मौत (ऑनर किलिंग) का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है । यह सब सम्मान के नाम पर हो रहा है । सम्मान के नाम पर प्रति वर्ष सैकड़ों युवक और युवतियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है । देश में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान ऐसे राज्य है जहां से लगातार ऑनर किलिंग की घटनाएँ सामने आ रही हैं । बीते रविवार को दो प्रेमी जोड़े को ऑनर किलिंग के भेट चढ़ा दिया गया यह घटना दिल्ली में कुलदीप और मोनिका के साथ तथा हरियाणा में रिंकू और मोनिका के साथ घटी । दिल्ली के अशोक विहार में कुलदीप और मोनिका की जघन्य हत्या कर दी गयी वहीं हरियाणा के भिवानी में रिंकू और मोनिका की हत्या कर फाँसी पर लटका दिया गया ।
इसी बीच महिलाओं और बच्चों के हितों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन [एनजीओ] शक्ति वाहिनी द्वारा दायर की गयी जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय नें काफी सख्त रूख अपनाते हुए केंद्र सरकार और ८ राज्य सरकारों को नोटिस भेजा है । उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश आर।एम. लोढ़ा और न्यायाधीश ए. के. पटनायक नें केंद्र तथा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड, बिहार, हिमांचल प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों को जवाब-तलब किया है । गैर सरकारी संगठन शक्ती वाहिनी नें उक्त जनहित याचिका के माध्यम से आरोप लगाया था कि केंद्र और राज्य सरकारें इस तरह के अपराधों के रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठा रही हैं । और न ही ऐसे प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा देने के लिए कोई पॉलिसी या मैकेनिज्म तैयार कर रही हैं ।

गैर सरकारी संगठन नें जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकारें इस अपराध को चुप्पी साधे मूक दर्शक की तरह देख रही हैं । इनके खिलाफ कानून बनाये जाने के बारे में भी कोई कदम नहीं उठा रहीं है । याचिका के माध्यम से गैर सरकारी संगठन के वकील रविकांत ने मांग की है कि सरकारें इस बावत तैयार की गई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय योजना का खुलासा करें साथ ही सरकारें ऑनर किलिंग के रोकथाम और इसे बढ़ावा देनें वालों (खाप पंचायतों तथा अन्य) के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने हेतु प्रभावित राज्यों के प्रत्येक जिलों में एक स्पेशल सेल बनाएं जहां ऐसे नव विवाहित युवा जोड़े अपनी सुरक्षा के लिए गुहार कर सकें, तथा ऑनर किलिंग रोकनें में मदद मिल सके । इस याचिका में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है ।

इस मामले पर पत्रकारों से बात करते हुए केन्द्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोईली नें बताया है कि केंद्र सरकार अगले माह संसद के मानसून सत्र में ऑनर किलिंग मामले पर एक विधेयक लाने पर विचार कर रही है । वीरप्पा मोईली नें बताया है कि इस विधेयक का प्रारूप तैयार कर लिया गया है । इस विधेयक में कई धाराओं को संशोधित कर दोषियों को उचित और आवश्यक सजा देनें के प्रावधान को उल्लेखित किया गया है । उन्होंने कहा है कि इस विधेयक के लागू हो जाने पर ऑनर किलिंग को रोकने में काफी मदद मिलेगी । ऑनर किलिंग के लिए पूरी पंचायत को दोषी ठहराने संबंधी कानून का समावेश इस विधेयक में होना लगभग तय माना जा रहा है ।

ऑनर किलिंग केवल भारत की ही समस्या है ऐसा नहीं है, यह एक वैश्विक समस्या है । पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र संघ नें संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष नामक एक रिपोर्ट जारी की थी । उस रिपोर्ट में बताया गया था कि विश्व में 5000 से भी अधिक प्रेमी जोड़े ऑनर किलिंग के शिकार हो जाते है । कई पश्चिमी देशों में ऑनर किलिंग की घटनाएँ देखने को मिल रही हैं इसमें फ़्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन आदि देश शामिल हैं । यह बात दीगर है कि यहां दुसरे देशों से आने वाले समुदाय के लोग ही ऑनर किलिंग के शिकार होते है । भारत के आलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, इजिप्ट, लेबनान, टर्की, सीरिया, मोरक्को, इक्वाडोर, युगांडा, स्वीडन, यमन, तथा खाड़ी के देशों में ऑनर किलिंग जैसे अपराध प्रचलन में हैं ।

दरसल सगोत्रीय और अंतरजातीय विवाह ही इस ऑनर किलिंग समस्या की जड़ में है । उत्तर भारत में सामाजिक मान्यता है कि सगोत्रीय और अंतरजातीय विवाह नहीं होने चाहिए । यहां समान गोत्र में विवाह परंपरा के विरुद्ध माना जाता है तो अंतरजातीय विवाह अपराध। सवाल यह है कि अगर एक गोत्र के लड़कों को भाई-बहन माना जाय तो फिर अंतरजातीय विवाह से क्या समस्या है ? समाज को दोनों से ही समस्या है । अगर एक सगोत्रीय परिवार के युवा आपस में विवाह करते है तो पंचायतें उन युवाओं की हत्या का फतवा जारी कर देती है, साथ ही उन युवाओं के परिवारों से सजातीय समाज द्वारा रोटी-बेटी का संबंध तोड़ लेने की चेतावनी दी जाती है ।

वहीं अंतरजातीय विवाह करने वाले युवाओं के परिवारों को क्रूर सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है । इस स्थिती में सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा परिवार ( जिसमें परिवार के अन्य युवाओं की सजातीय विवाह रुक जाना भी शामिल है) इस स्थिती के लिए अपने ही बच्चे को दोषी मानने लगता है, और मौका मिलने पर ऑनर किलिंग जैसा जघन्य अपराध कर बैठता है । सगोत्रीय विवाह के बारे में कुछ लोगों का तर्क है कि हिन्दू धर्म के लोगों की पहचान गोत्र से होती है । इसका मतलब यह निकाला जाता है कि एक गोत्र के सभी लोग एक परिवार के होते है । वे इस मामले में विज्ञान का हवाला देते हुए कहते है कि एक गोत्र का मतलब जेनिटिक्स समानता । अगर एक ही परिवार या गोत्र में विवाह होता है तो उनके बच्चों में जेनिटिक्स विकृतियाँ उत्पन्न हो सकती है । यह तर्क सगोत्रीय विवाह के विरोधियों का है किन्तु इस तरह का कोई वैज्ञानिक शोधपत्र अभी तक तो सामने नहीं आया है ।

दरसल ऑनर किलिंग समस्या का एक बड़ा कारण राजनैतिक है । अपने वोट बैंक को मजबूत करने के खातिर राजनैतिक पार्टियों और राजनेताओं द्वारा देश में जातीयता को बढ़ावा दिया जा रहा है । सगोत्रीय विवाह के सवाल पर रोहतक में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खाप पंचायतों के साथ खड़े नजर आते है और खाप पंचायतों को गैर सरकारी संगठन साबित करते है । तो कही नवीन जिंदल हिन्दू विवाह कानून में संशोधन कर सगोत्रीय विवाह पर रोक लगाने जैसी खाप पंचायतों की मांग को पार्टी में उठाने का आश्वासन देते नजर आते है ।

इज्जत के खातिर मौत देने का सिलसिला आखिर कब रुकेगा ? आखिर कब तक मान सम्मान के नाम पर युवाओं की हत्या होती रहेगी ? कौन है ! जो इस जघन्य कृत्य को चुनौती देने की हिम्मत करेगा ? इसका जवाब कानून नहीं है, इसका जवाब हम सभी को अपने आप से पूछना है, इस समाज से पूछना है, जिसके बीच हम रहते है ।. हमें अपने आप को बदलना होगा, रूढ़िवादिता के चंगुल से स्वयं को और समाज को छुड़ाना होगा, जातिवाद के दलदल से बाहर आकर, ऊँच-नीच के भेद-भाव को ख़त्म करना होगा, और सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन परिवारों को भरोसा देना होगा कि अगर तुम्हारे बच्चे सगोत्रीय या अंतरजातीय विवाह करते है तो तुम्हे अपने समाज में सामाजिक बहिष्कार का दंश नहीं झेलना होगा. परिवार के दुसरे बच्चे के विवाह को लेकर सजातीय बहिष्कार नहीं किया जायेगा. तुम्हे किसी तरह की छीटाकशी और तानाकशी का सामना नहीं करना पड़ेगा. अगर हम यह सब नहीं कर पाए तो शायद आने वाला विधेयक या कानून भी ऑनर किलिंग पर लगाम लगाने में सक्षम नहीं होंगें ?

मंगलवार, 22 जून 2010

४९८ (ए) का शिकार एक और परिवार

महिलाओं को दहेज उत्पीड़न के सुरक्षाकवच के रूप में ४९८ (ए) एक ऐसा हथियार मिल गया है कि वे अब इसका जरूरत से ज्यादा दुरूपयोग करने लगी हैं इस समय देश में दहेज उत्पीड़न के मुकदमों की बाढ़ सी आ गई है दहेज उत्पीड़न के मुकदमें दर्ज कराने में महिला संगठन अग्रणी भूमिका निभा रही हैं इसकी एक बानगी देखने को मिली जब सुबह १० बजे ऑफिस में आया। अभी आफिस पहुंचा भी नहीं था कि एक घबराया हुआ युवक ऑफिस में आया नाम पूछने पर पता चला कि उसका नाम विकी डे था । वह बंगलूरू स्थित एक्सेंचर नामक आउटसोर्सिंग कंपनी में काम करता है उसने इंटरनेट पर हमारे बारे में पता करके हमारे पास आया था।
पूछने पर उसने जो अपने परिवार के उत्पीड़न की कहानी बताई उससे मेरे सामने दहेज उत्पीड़न ४९८ (ए) के माध्यम से बेकसूर ससुराल वालों को एक महिला द्वारा सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना की एक कहानी फिर से आ गई कि आखिर एक महिला झूठी शिकायत करती है तो पति और उसके बूढ़े माँ- बाप और रिश्तेदार फ़ौरन ही बिना किसी विवेचना के गिरफ्तार कर लिए जायेंगे और गैर-जमानती टर्म्स में जेल में डाल दिए जायेंगे, भले चाहे की गई शिकायत फर्जी और झूठी ही क्यों न हो ! आप शायद उस गलती की सज़ा पायेंगे । जो आपने की ही नहीं और आप अपने आपको निर्दोष भी साबित नहीं कर पाएँगे अगर आपने अपने आपको निर्दोष साबित कर भी लिया तब तक शायद आप समाज में एक जेलयाफ्ता मुजरिम कहलायेंगे ।
विकी डे नें बताया कि कि उसके भाई विक्रम डे की पत्नी और उसकी भाभी प्रिया मोंडल नें भाई विक्रम सहित उसके बूढ़े माता-पिता और दो बहनों के विरुद्ध वहाँ की एक स्थानीय महिला समिति के सहयोग से दहेज उत्पीडन का स्थानीय पुलिस थाना ऑल वूमन पुलिस थाने में एफआईआर क्रमांक ५९/२०१० भा।द.वि. ४९८ (ए), ३४ के तहत मुकदमा दर्ज कराया है । विकी डे ने बताया कि उसके भाई विक्रम की शादी जब प्रिया से हुई थी उस समय वह दसवी में पढ़ रही थी । उस समय दोनों परिवारों ने यह तय किया था कि बारहवीं तक की पढ़ाई प्रिया अपने मायके में ही रह कर करेगी सो उसने बारहवीं तक की पढ़ाई अपने मायके में ही रह कर की । इस बीच विक्रम की गोवा में अच्छी नौकरी लग गई जब वह विक्रम के घर आई तो विक्रम और प्रिया दोनों ने यह तय किया कि थोड़े दिनों बाद गोवा में घर लेकर वहाँ शिफ्ट हो जायेंगे ।
विकी डे का भाई विक्रम प्रिया के साथ कुछ दिन गुजारने के बाद गोवा चला गया प्रिया विक्रम के माँ-बाप और दोनों बहनों के साथ गुवाहाटी में रहने लगी किन्तु इसी बीच प्रिया के पास किसी अनजान आदमी का फोन आने लगा जिसपर वह घंटों बात करती थी । जब बात करने का सिलसिला ज्यादा बढ़ गया तो विक्रम के माता-पिता को यह नागवार लगने लगा । फोन पर इस गुफ्तगूं से विक्रम की माँ नाराज होकर प्रिया को एक दिन काफी खरी-खोटी सुनायी और कहा कि आइंदा किसी भी आदमी का तुम्हारे पास फोन नहीं आना चाहिए । इस पर प्रिया ने भी विक्रम की माँ का जवाब दिया और वह अपना सामान लेकर अपने मायके चली गई । उसके जाते समय विक्रम की माँ-पिताजी और बहनों ने रोकने की कोशिश की किन्तु प्रिया नहीं मानी । वह विक्रम के परिवार को झिड़क कर अपने मायके चली गई ।
१ मई २०१० को ऑल वूमन पुलिस थाने गुवाहाटी से विक्रम के घर पर शाम को ४।०० बजे पुलिस आई और विक्रम के माँ-बाप को उठाकर थाने ले गई विक्रम की बहन निर्मला डे के काफी अनुरोध करने के बाद तथा १०,००० रूपये लेकर पुलिस ने रात को १० बजे विक्रम के माँ-बाप को निर्मला डे से यह कहते हुए छोड़ा कि बाहर के बाहर मामले को निपटा लो अथवा अपने भाई को गोवा से बुला लो, उसके आने के बाद तुम लोग पुलिस स्टेशन में आ जाओ मैं प्रिया और उसके परिवार को बुलाकर समझौता करवा दूँगा । विक्रम की बहन निर्मला डे ने गोवा फोन कर विक्रम को सारी स्थिती की जानकारी दी और जल्दी से गुवाहाटी आने को कहा लेकिन कंपनी से विक्रम को देर से छुट्टी मिलने के कारण ९ मई २०१० को वह गुवाहाटी पहुँचा । वहाँ पहुँचकर वह सीधे ससुराल यानि प्रिया के माता-पिता के पास गया और उसने समाज में अपने और अपने परिवार के मान-सम्मान का हवाला देते हुए केस उठाने के लिए अनुरोध किया ।
विक्रम ने प्रिया से यह भी कहा कि अगर वह माँ और पिता जी के साथ नहीं रहना चाहती तो हमारे साथ गोवा चलो और वहाँ हमारे साथ रहो किन्तु प्रिया ने विक्रम के साथ कहीं भी जाने से मना कर दिया इतना ही नहीं प्रिया की माँ दुर्गा मोंडल और भाई कार्तिक मोंडल नें विक्रम को बेइज्जत करके अपने घर से निकाल दिया तथा विक्रम के गोवा से आने की सुचना पुलिस को दे दी, पुलिस ने विक्रम और उसके माँ-बाप को थाने में बुलाकर गिरफ्तार कर लिया । तथा विक्रम डे की दोनों बहनों क्रमशः निर्मला डे उम्र २८ वर्ष और बबली डे उम्र १७ वर्ष को गिरफ्तार करने के लिए ढूढ़ने लगी तो निर्मला डे नें बंगलूरू स्थित भाई विकी डे से संपर्क किया । विकी डे नें बंगलूरू से २५,००० रुपया भेजा । जिससे निर्मला डे और बबली डे की अग्रिम जमानत गुवाहाटी उच्च न्यायालय से हो सकी किन्तु अभी भी विकी की माँ सीता रानी डे और पिता निरमोय डे तथा भाई विक्रम डे की अभी भी जमानत नहीं हो सकी है । विकी डे के अनुसार उसकी माँ सीता रानी डे की उम्र ५७ वर्ष और उसके पिता निरमोय डे की उम्र ६३ वर्ष है उम्र के अंतिम पड़ाव पर हमारे माता-पिता को मेरे भाभी प्रिया के कारण यह दिन देखना पड रहा है विकी डे के अनुसार प्रिया और उसके मायके के लोगों ने जान-बूझ कर उसके माता-पिता, भाई और बहनों को झूठे मुकदमें में फंसाया है ।
विकी डे यह कहते कहते कि हमारी भाभी ने हमारे बूढ़े माँ-बाप और भाई को जेल में डलवा दिया है । हमारी बहनों को अग्रिम जमानत लेनी पडी, आखिर उनका क्या दोष है ? क्या भाभी के गलती करने पर हमारे माँ-बाप उसे डाट नहीं सकते इतना कहते कहते उसके ऑख में आँसू आ जाते हैं और वह फफक कर रो पड़ता है । विकी डे बताता है कि उसके भाई की अच्छी-खासी नौकरी जेल में जाने के वजह से चली गई । उसके बहन की भी नौकरी भी झूठे मुकद्दमें के वजह से रोज-रोज के भाग-दौड के कारण खतरे में है विकी डे कहता है कि वह अपने कंपनी में जहां काम करता है वह यह नहीं बता सकता कि उसका पूरा परिवार दहेज उत्पीड़न के झूठे मुकदमें के कारण जेल में है इसलिए उसने अपनी कंपनी से अपनी माँ के बीमारी का बहाना करके छुट्टी लेकर माँ-बाप और भाई को छुड़ाने गुवाहाटी जा रहा है ।
बहरहाल हमने विकी डे और उसके माँ-बाप भाई बहनों के साथ दहेज उत्पीड़न के नाम पर किये जा रहे अत्याचार में विकी और उसके परिवार का गुवाहाटी में संस्था के माध्यम से मदद करने का निर्णय लिया है । हमने संस्था के आसाम राज्य इकाई के पदाधिकारियों से कहा है कि आसाम इकाई के संस्था के वकील के माध्यम से विकी डे की मदद करें और उसके परिवार की जमानत कराएँ । यह मामला संस्था के समक्ष आने पर विकी और उसके परिवार की हमारे तरफ से उन्हें जमानत पर तो रिहा करा दिया जायेगा परन्तु उन लाखों विकी डे और उनके परिवारों की कौन मदद करेगा जो आये दिन ४९८ (ए) के झूठे मुकदमों में फंसाकर प्रताड़ित किये जा रहे हैं ।

गुरुवार, 17 जून 2010

डॉ महंगाई सिंह की सरकार का एक अहम् पैतरा

एंडरसन को विदेश भगाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले लोगों के तरफ से देशवासियों का ध्यान बटाने के लिए डॉ महंगाई सिंह की सरकार नें एक अहम् फैसला लिया है पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ा दो जिससे आम आदमी और मीडिया का ध्यान भोपाल गैस त्रासदी से हटा कर बढ़े हुए पेट्रोल और डीजल के दाम के बहस में उलझा दिया जाय आप लोगों नें देखा होगा कि सरकार जब यह देखती है कि किसी खास मुद्दे पर मीडिया और देश की जनता सरकार को घेर रही है तो सरकार तत्काल उस मुद्दे को पीछे धकेलने के लिए एक नया मुद्दा उछाल देती है

सोमवार, 7 जून 2010

महंगाई विरोधी जनांदोलन का फैसला

महंगाई को लेकर आम आदमी बेहद लाचार है और सरकार द्वारा ठगा सा महसूस कर रहा । है पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाए जाने की खबर सुनकर एक बार फिर चिंतित होगया है इसी के मद्देनजर मुंबई के तमाम रेसिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य तथा हाऊसिंग सोसायटियों के सदस्यों नें फैसला किया है क़ि जिस दिन सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस का दाम बढ़ाएगी उस दिन हाऊसिंग सोसायटियों काला झंडा लगाकर और हांथों में काली पट्टी बांध कर सरकार द्वारा ताबड़तोड़ बढाई जा रही महंगाई का विरोध करेगे ।
यह प्रतीकात्मक विरोध होगा आगे चलकर प्रत्येक माह के एक पुरे सप्ताह यह प्रक्रिया चलाई जायेगी इसे "महंगाई के विरुद्ध साप्ताहिक विरोध" नाम दिया जायेगा मुंबईवासियों नें देश के सभी प्रबुद्ध नागरिकों से भावनात्मक अपील की है क़ि प्रत्येक शहर के लोग इस प्रतीकात्मक महंगाई विरोधी जनांदोलन को अपने-अपने रेसिडेंस एरिया, हाऊसिंग कालोनी, हाऊसिंग सोसायटी शुरू करें।
इस बीच खबर आयी है कि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ाने का फैसला फ़िलहाल टाल दिया गया है हालाँकि सोमवार 7 जून को मंत्रियों का समूह पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला लिया जाना था । इसके हिसाब से गणनाएं भी की जा रही थीं कि इंडियन ऑयल से लेकर ओएनजीसी का मूल्यांकन कितना बढ़ जाएगा और उनके शेयर कितने बढ़ सकते हैं। लेकिन कोरम न पूरा होने से मंत्रियों के समूह की बैठक ही न हो सकी ।
मंत्रियों के इस समूह (ई-जीओएम) के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हैं। सोमवार की बैठक में प्रणव मुखर्जी समेत पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा, उर्वरक मंत्री एम के अलागिरी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह आहलूवालिया और कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर ने हिस्सा लिया है। लेकिन चार प्रमुख मंत्रियों की गैर-मौजूदगी के चलते कोई फैसला नहीं हो सका। अनुपस्थित मंत्रियों में रेल मंत्री ममता बनर्जी और कृषि मंत्री शरद पवार शामिल हैं। तेल सचिव एस सुंदरेशन के मुताबिक बैठक काफी अच्छी रही। लेकिन मंत्रियों के न होने से कोई फैसला नहीं लिया जा सका। जल्दी ही फिर बैठक बुलाई जाएगी। मंत्रियों के समूह को किरीट पारिख समिति की सिफारिशों पर फैसला लेना है जिसमें पेट्रोल और डीजल पर मूल्य नियंत्रण खत्म करने की बात कही गई है।
इसे मान लेने पर पेट्रोल के दाम 3.50 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ जाएंगे। इसका राजनीतिक विरोध हो रहा है। खासकर, ममता बनर्जी इसे मानने को तैयार नहीं हैं। लेकिन मुरली देवड़ा इसे हर हालत में लागू करवाना चाहते हैं। बावजूद इसके मुंबईवासियों नें अपने इस निर्णय पर दृढ़ है कि जिस दिन सरकार पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ाएगी उस दिन से प्रतीकात्मक महंगाई विरोधी जनांदोलन की शुरुवात करेंगे और आगे चलकर इसे "महंगाई के विरुद्ध साप्ताहिक विरोध" का रूप दे दिया जायेगा ।
मुंबईवासियों के इस प्रयास की सराहना Honesty Project for Real Democracy in India के माडरेटर जय कुमार झा ने भी दिल्ली से की है.

महंगाई विरोधी जनांदोलन का फैसला

दरसल महंगाई को लेकर आम आदमी बेहद लाचार है और सरकार द्वारा ठगा सा महसूस कर रहा । है पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाए जाने की खबर सुनकर एक बार फिर चिंतित होगया है इसी के मद्देनजर मुंबई के तमाम रेसिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य तथा हाऊसिंग सोसायटियों के सदस्यों नें फैसला किया है क़ि जिस दिन सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस का दाम बढ़ाएगी उस दिन हाऊसिंग सोसायटियों काला झंडा लगाकर और हांथों में काली पट्टी बांध कर सरकार द्वारा ताबड़तोड़ बढाई जा रही महंगाई का विरोध करेगे ।
यह प्रतीकात्मक विरोध होगा आगे चलकर प्रत्येक माह के एक पुरे सप्ताह यह प्रक्रिया चलाई जायेगी इसे "महंगाई के विरुद्ध साप्ताहिक विरोध" नाम दिया जायेगा मुंबईवासियों नें देश के सभी प्रबुद्ध नागरिकों से भावनात्मक अपील की है क़ि प्रत्येक शहर के लोग इस प्रतीकात्मक महंगाई विरोधी जनांदोलन को अपने-अपने रेसिडेंस एरिया, हाऊसिंग कालोनी, हाऊसिंग सोसायटी शुरू करें। मुंबईवासियों के इस प्रयास की सराहना Honesty Project for Real Democracy in India के माडरेटर जय कुमार झा ने भी दिल्ली से की है.

मुंबई के लोगों नें किया महंगाई विरोधी जनांदोलन का फैसला

दरसल महंगाई को लेकर आम आदमी बेहद लाचार है और सरकार द्वारा ठगा सा महसूस कर रहा । है पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाए जाने की खबर सुनकर एक बार फिर चिंतित होगया है इसी के मद्देनजर मुंबई के तमाम रेसिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य तथा हाऊसिंग सोसायटियों के सदस्यों नें फैसला किया है क़ि जिस दिन सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस का दाम बढ़ाएगी उस दिन हाऊसिंग सोसायटियों काला झंडा लगाकर और हांथों में काली पट्टी बांध कर सरकार द्वारा ताबड़तोड़ बढाई जा रही महंगाई का विरोध करेगे ।
यह प्रतीकात्मक विरोध होगा आगे चलकर प्रत्येक माह के एक पुरे सप्ताह यह प्रक्रिया चलाई जायेगी इसे "महंगाई के विरुद्ध साप्ताहिक विरोध" नाम दिया जायेगा मुंबईवासियों नें देश के सभी प्रबुद्ध नागरिकों से भावनात्मक अपील की है क़ि प्रत्येक शहर के लोग इस प्रतीकात्मक महंगाई विरोधी जनांदोलन को अपने-अपने रेसिडेंस एरिया, हाऊसिंग कालोनी, हाऊसिंग सोसायटी शुरू करें।