सोमवार, 15 अगस्त 2011

दिल्ली की सरकार संभल जा

दिल्ली की सरकार संभल जा
वो गांधी का अनुयायी है

कहते है सब अन्ना उसको
वह देश का बड़ा भाई है

तन मन धन सब दान दिया
भारत माता का लाल है वो

मानो मांग जनलोकपाल की
वर्ना फिर महा काल है वो

अनसन पर गर बैठ गया तो
समझो शामत आ जायेगी

और महंगा होगा जेल भेजना
दिल्ली की सत्ता जायेगी

मत करो उपेक्षा जनहित की
अब अपना मुह मत मोड़ो

जनअधिकारों को मान्य करो
आसुरी प्रवित्ति छोडो

3 टिप्‍पणियां:

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

bahut achchhi rachna, shubhkaamnaayen.

nitin mohite ने कहा…

bhahot achha likha apne
carry on

D.P. Mishra ने कहा…

VERY NICE.......