महंगाई को लेकर आम आदमी बेहद लाचार है और सरकार द्वारा ठगा सा महसूस कर रहा । है पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाए जाने की खबर सुनकर एक बार फिर चिंतित होगया है इसी के मद्देनजर मुंबई के तमाम रेसिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य तथा हाऊसिंग सोसायटियों के सदस्यों नें फैसला किया है क़ि जिस दिन सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस का दाम बढ़ाएगी उस दिन हाऊसिंग सोसायटियों काला झंडा लगाकर और हांथों में काली पट्टी बांध कर सरकार द्वारा ताबड़तोड़ बढाई जा रही महंगाई का विरोध करेगे ।
यह प्रतीकात्मक विरोध होगा आगे चलकर प्रत्येक माह के एक पुरे सप्ताह यह प्रक्रिया चलाई जायेगी इसे "महंगाई के विरुद्ध साप्ताहिक विरोध" नाम दिया जायेगा मुंबईवासियों नें देश के सभी प्रबुद्ध नागरिकों से भावनात्मक अपील की है क़ि प्रत्येक शहर के लोग इस प्रतीकात्मक महंगाई विरोधी जनांदोलन को अपने-अपने रेसिडेंस एरिया, हाऊसिंग कालोनी, हाऊसिंग सोसायटी शुरू करें।
इस बीच खबर आयी है कि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ाने का फैसला फ़िलहाल टाल दिया गया है हालाँकि सोमवार 7 जून को मंत्रियों का समूह पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला लिया जाना था । इसके हिसाब से गणनाएं भी की जा रही थीं कि इंडियन ऑयल से लेकर ओएनजीसी का मूल्यांकन कितना बढ़ जाएगा और उनके शेयर कितने बढ़ सकते हैं। लेकिन कोरम न पूरा होने से मंत्रियों के समूह की बैठक ही न हो सकी ।
मंत्रियों के इस समूह (ई-जीओएम) के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हैं। सोमवार की बैठक में प्रणव मुखर्जी समेत पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा, उर्वरक मंत्री एम के अलागिरी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह आहलूवालिया और कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर ने हिस्सा लिया है। लेकिन चार प्रमुख मंत्रियों की गैर-मौजूदगी के चलते कोई फैसला नहीं हो सका। अनुपस्थित मंत्रियों में रेल मंत्री ममता बनर्जी और कृषि मंत्री शरद पवार शामिल हैं। तेल सचिव एस सुंदरेशन के मुताबिक बैठक काफी अच्छी रही। लेकिन मंत्रियों के न होने से कोई फैसला नहीं लिया जा सका। जल्दी ही फिर बैठक बुलाई जाएगी। मंत्रियों के समूह को किरीट पारिख समिति की सिफारिशों पर फैसला लेना है जिसमें पेट्रोल और डीजल पर मूल्य नियंत्रण खत्म करने की बात कही गई है।
इसे मान लेने पर पेट्रोल के दाम 3.50 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ जाएंगे। इसका राजनीतिक विरोध हो रहा है। खासकर, ममता बनर्जी इसे मानने को तैयार नहीं हैं। लेकिन मुरली देवड़ा इसे हर हालत में लागू करवाना चाहते हैं। बावजूद इसके मुंबईवासियों नें अपने इस निर्णय पर दृढ़ है कि जिस दिन सरकार पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ाएगी उस दिन से प्रतीकात्मक महंगाई विरोधी जनांदोलन की शुरुवात करेंगे और आगे चलकर इसे "महंगाई के विरुद्ध साप्ताहिक विरोध" का रूप दे दिया जायेगा ।
मुंबईवासियों के इस प्रयास की सराहना Honesty Project for Real Democracy in India के माडरेटर जय कुमार झा ने भी दिल्ली से की है.
यह प्रतीकात्मक विरोध होगा आगे चलकर प्रत्येक माह के एक पुरे सप्ताह यह प्रक्रिया चलाई जायेगी इसे "महंगाई के विरुद्ध साप्ताहिक विरोध" नाम दिया जायेगा मुंबईवासियों नें देश के सभी प्रबुद्ध नागरिकों से भावनात्मक अपील की है क़ि प्रत्येक शहर के लोग इस प्रतीकात्मक महंगाई विरोधी जनांदोलन को अपने-अपने रेसिडेंस एरिया, हाऊसिंग कालोनी, हाऊसिंग सोसायटी शुरू करें।
इस बीच खबर आयी है कि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ाने का फैसला फ़िलहाल टाल दिया गया है हालाँकि सोमवार 7 जून को मंत्रियों का समूह पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला लिया जाना था । इसके हिसाब से गणनाएं भी की जा रही थीं कि इंडियन ऑयल से लेकर ओएनजीसी का मूल्यांकन कितना बढ़ जाएगा और उनके शेयर कितने बढ़ सकते हैं। लेकिन कोरम न पूरा होने से मंत्रियों के समूह की बैठक ही न हो सकी ।
मंत्रियों के इस समूह (ई-जीओएम) के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हैं। सोमवार की बैठक में प्रणव मुखर्जी समेत पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा, उर्वरक मंत्री एम के अलागिरी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह आहलूवालिया और कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर ने हिस्सा लिया है। लेकिन चार प्रमुख मंत्रियों की गैर-मौजूदगी के चलते कोई फैसला नहीं हो सका। अनुपस्थित मंत्रियों में रेल मंत्री ममता बनर्जी और कृषि मंत्री शरद पवार शामिल हैं। तेल सचिव एस सुंदरेशन के मुताबिक बैठक काफी अच्छी रही। लेकिन मंत्रियों के न होने से कोई फैसला नहीं लिया जा सका। जल्दी ही फिर बैठक बुलाई जाएगी। मंत्रियों के समूह को किरीट पारिख समिति की सिफारिशों पर फैसला लेना है जिसमें पेट्रोल और डीजल पर मूल्य नियंत्रण खत्म करने की बात कही गई है।
इसे मान लेने पर पेट्रोल के दाम 3.50 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ जाएंगे। इसका राजनीतिक विरोध हो रहा है। खासकर, ममता बनर्जी इसे मानने को तैयार नहीं हैं। लेकिन मुरली देवड़ा इसे हर हालत में लागू करवाना चाहते हैं। बावजूद इसके मुंबईवासियों नें अपने इस निर्णय पर दृढ़ है कि जिस दिन सरकार पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ाएगी उस दिन से प्रतीकात्मक महंगाई विरोधी जनांदोलन की शुरुवात करेंगे और आगे चलकर इसे "महंगाई के विरुद्ध साप्ताहिक विरोध" का रूप दे दिया जायेगा ।
मुंबईवासियों के इस प्रयास की सराहना Honesty Project for Real Democracy in India के माडरेटर जय कुमार झा ने भी दिल्ली से की है.
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